हनुमान जी

ऐसे तो हम सभी जानते हैं हनुमान जी ब्रह्मचारी थे पर कथाओं में उनका एक पुत्र मकरध्वज के नाम से पाया जाता है इनकी माता एक मछली थी

हनुमान जी की पसीने की एक बूंद तब की थी जिसे एक मछली ने पी लिया था और वह गर्भवती हो गई थी

और एक राजा द्वारा उस मछली को काटने पर उसे वानर रूप में शिशु प्राप्त हुआ था जिसका नाम उन्होंने बाद में मकरध्वज रखा

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