रावण

वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण महर्षि विश्वश्रवा और राक्षसी कैकेशी का पुत्र था

महर्षि विश्वश्रवा की दो पत्नियां थी जिनमें पहली पत्नी महर्षि भारद्वाज की पुत्री  इलाविदा थी जिससे कुबेर का जन्म हुआ था और दूसरी पत्नी कैकेशी से रावण, कुंभकर्ण, विभीषण और सूर्पनखा का जन्म हुआ था 


इनके अलावा रावण के और भी भाई बहन थे जिनका नाम कुंभीनी, खर, दूषण और अहिरावण था 


कुंभीनी मथुरा के राजा मधु राक्षस की पत्नी थी और राक्षस लवणासुर की मां थी 

शूर्पणखा का विवाह कालका के पुत्र वीद्युवीवाह के साथ हुआ था

रावण की कितनी पत्नियां थी

पहली मंदोदरी जो कि राक्षस मयासुर ( दिखती पुत्र ) की पुत्री थी  जोकि हेमा नामक अप्सरा की गर्व से उत्पन्न हुई थी 


मंदोदरी से रावण को दो पुत्र हुए थे जिनका नाम मेघनाद और अक्षय कुमार था


दूसरी पत्नी का नाम दम्यमालिनी था और इनसे रावण के दो पुत्र थे 

आतीक्या और त्रीशिरार 

तीसरी पत्नी के नाम का उल्लेख कहीं मिला नहीं है जिनसे रावण के तीन पुत्र थे 

प्रहस्था, नरांतका कथा देवकाता 


रावण के दादा महर्षि पूलत्स्य थे और दादी  हबेरूहा थी 

रावण के नाना का नाम सुमाली था और नानी का नाम ताड़का था 

मारीच और सुबाहु रावण के मामा थे 

विभीषण की पत्नी का नाम शर्मा था

विभीषण की बेटी का नाम त्रिजटा था 

कुंभकर्ण की पत्नी का नाम वज्रवाला था

मेघनाद की पत्नी का नाम सुलोचना था















 





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