आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या कार्यकत्री कैसे बने
आंगनबाडी की शुरुआत 1985 में की गई थी | उस समय केंद्र सरकार की शुरुआत एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के तहत की गई थी। वहीं अब वर्तमान समय इस योजना के तहत केंद्र सरकार राज्यों की मदद से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने का काम कर रही हैं
इन केंद्रों में पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा से जुडी सुविधा प्रदान करने के लिए Counseling भी कराई जाती है, जिससे इस तरह की सुविधाओं का लाभ अधिकतर बच्चे और महिलाएं उठा सके | इसलिए अधिकतर गांव या बस्ती के बीच आंगनबाड़ी है, जहां केंद्रों की स्थापना की जाती है, जिससे गाँवों के सभी बच्चे सुरक्षित रहकर खेल सकें और पोषक आहार ग्रहण में उन्हें मदद मिल सके | अभी भी केंद्र सरकार सुचारू रूप से आंगनबाड़ी की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हर तरह की सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश करता है | इसलिए आंगनबाड़ी केंद्र में नौकरी पाने के लिए महिलाओं को 8वीं और 10वीं में सफलता प्राप्त करना अनिवार्य होता है, जिसके बाद महिलायें आंगनबाड़ी केंद्र के लिए आवेदन फॉर्म भरकर इस पद को प्राप्त कर सकती है |
आंगनबाडी कार्यकर्ता बनने के लिए यह आवश्यक है
- आंगनबाडी केंद्र के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं का संबंधित राज्य की स्थानीय निवासी होना आवश्यक होता है |
- इस पद पर नौकरी करने वाली महिला की न्यूनतम आयु 21 और अधिकतम आयु 45 वर्ष होनी चाहिए |
- आंगनबाड़ी केंद्र के लिए केवल विवाहित महिलायें ही आवेदन कर सकती है |
आंगनबाडी कार्यकर्ता बनने हेतु योग्यता
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए महिलाओं को 10वीं में सफलता प्राप्त करना जरूरी होता है। इसके साथ ही जो महिलायें आंगनबाड़ी सहायिका बनने के लिए आवेदन करती हैं, तो उन्हें 8वीं में पास करना आवश्यक होता है, जिसके बाद वो आंगनबाड़ी में आवेदन करके इस पद को प्राप्त कर सकती है |
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती मेरिट के आधार पर की जाती है | इसलिए महिलाओं को साक्षात्कार में 25 अंक प्राप्त करने आवश्यक होते है । यह अंक इस तरह से प्रदान किये जाते है –
शैक्षिक योग्यता के लिए अंक
- इसमें महिलाओं को निर्धारित की गई योग्यता के मुताबिक़, कुल 7 अंक, ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए कुल 2 अंक, पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए 1 अंक प्राप्त करने अनिवार्य है |
- नर्सरी टीचर या बाल सेविका का पद प्राप्त करने के लिए महिलाओं को 10 माह या इससे अधिक का अनुभव होना आवश्यक है, जिसके लिए 3 अंक निर्धारित किये गए है |
- पति से सात साल से अलग रह रहने वाली महिला या अनाथ आश्रम में रहने वाली महिला या फिर तलाकशुदा महिला के लिए – 3 अंक
- 40 फीसदी या इससे अधिक विकलांगता वाली अभ्यर्थी के लिए – 2 अंक निर्धारित किये गए है |
- एससी/एसटी/ओबीसी से संबंधित अभ्यर्थी के लिए – 2 अंक निर्धारित किये गए है |
- पर्सनल इंटरव्यू में – 3 अंक प्राप्त करने अनिवार्य है |
- अगर अभ्यर्थी के परिवार में दो बेटी होने पर – 2 अंक ही निर्धारित किये गए है |
- इस तरह अंकों का कुल योग करने के बाद महिला और अभ्यर्थी की मेरिट तैयार की जाती है, जिसके बाद उसकी भर्ती कर ली जाती है |
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