सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया क्या होता है?
सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति (Appoint) कौन करता है?
सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति केंद्र सरकार की नियुक्ति समिति की स्वीकृति के बाद राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है | सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति तीन वर्ष के लिए की जाती है | सॉलिसिटर जनरल के रूप में केवल उन्हीं अधिवक्ताओं का चुना जाता है, जो सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनने की योग्यता रखते है |
संवैधानिक व्यवस्था (Constitutional System)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 76 के अंतर्गत अटॉर्नी जनरल या महान्यायवादी की नियुक्ति प्रदान की जाती है | भारत के राष्ट्रपति केंद्र सरकार की सलाह पर महान्यायवादी को नियुक्त करते है | राष्ट्रपति द्वारा केंद्र सरकार की सिफारिश पर भारत के महान्यायवादी को पद से हटाया जा सकता है | अटॉर्नी जनरल की सहायता के लिए सॉलिसिटर जनरल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति की जाती है | इस प्रकार से भारत सरकार का प्रथम विधि अधिकारी अटॉर्नी जनरल, द्वितीय विधि अधिकारी सॉलिसिटर जनरल और तृतीय विधि अधिकारी अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल होता है |
सॉलिसिटर जनरल के कार्य (Work)
- सॉलिसिटर जनरल, अटॉर्नी जनरल के अधीन कार्य करता है |
- यह अटॉर्नी जनरल के द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्य करता है |
- यह न्यायपालिका में सरकार के पक्ष का रखता है और अटॉर्नी जनरल की सहायता करता है |
अधिकार (Rights)
- वह भारत सरकार के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के लिए भी कोर्ट में केस लड़ सकता है क्योंकि वह भारत सरकार का पूर्णकालिक कर्मचारी नही होता है |
- वह भारत की किसी भी कोर्ट की बहस में शामिल हो सकता है |
- वह भारत सरकार द्वारा निर्धारित वेतन और भत्ते को प्राप्त करता है |
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