District Collector / District Magistrate

 

कलेक्टर (Collector) कैसे बनें

कलेक्टर को एक जिले की पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाती है | इसलिए वह जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है |  कलेक्टर को किसी जिले के हर छोटे-बड़े सभी कार्य करने होते  है  जैसे – आपदा प्रबंध, सरकारी योजनायों को लागू करवाना, ऋण वितरण, कर्ज वसूली, कर वसूली, भूमि अधिग्रहण, भूमि मूल्यांकन, आम जानता की समस्या का  समाधान करके उसका हल निकालना आदि  सभी कार्य करने होते  हैं  इसके अतिरिक्त एक कलेक्टर को मुख्य कार्य कानून व्यवस्था को बनाये रखना एवं जिले की जानकारी सरकार  तक पहुंचाने के काम की भी जिम्मेदारी सौंपी जाती हैैैैै ।

 कलेक्टर एक बड़ा पद होता है, जिसे प्राप्त करने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करनी होती है क्योंकि, कलेक्टर बनने के लिए आपको सिविल सर्विस एग्जाम (CSE) देना  होता है | इस परीक्षा का आयोजन यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा किया जाता है | आप इस परीक्षा के लिए ग्रेजुएशन पूरा होने  के बाद आवेदन कर सकते है

परीक्षा पैटर्न

अभ्यर्थियों को इस पद के लिए तीन परीक्षाएं  देनी रहती है, जो इस प्रकार है –

  1. प्रारंभिक परीक्षा – (Preliminary Exam)
  2. मुख्य परीक्षा – (Main exam)
  3. साक्षात्कार – (Interview)

योग्यता  

कलेक्टर बनने के लिए अभ्यर्थी को कम से कम ग्रेजुएशन (स्नातक)  होना अनिवार्य है |

आयु सीमा 

  • सामान्य श्रेणी   (General)  – 21 से  32 वर्ष
  • अन्य पिछड़ी जाति (OBC)  – 21- 32 वर्ष  (तीन साल की छूट =35 वर्ष )
  • अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST)  –  32 वर्ष  (पांच साल की छूट =37 वर्ष )

इसके अतिरिक्त विकलांग और सेवा-निवृत सैनिक या कर्मी को भी UPSC के नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है |

कलेक्टर के कार्य

  • कलेक्टर किसी जिले का मुख्य कार्यकारी, प्रशासनिक और राजस्व अधिकारी होता है। कलेक्टर  का प्रमुख कार्य जिले में कार्य कर रहीं विभिन्न सरकारी एजेंसियों के मध्य आवश्यक समन्वय की स्थापना करना होता है |
  • कलेक्टर प्रमुख रूप से सामान्य प्रशासन का निरीक्षण करता है , भूमि राजस्व की वसूली करता है और जिले में कानून-व्यवस्था  का निरीक्षण करता है।
  • एक कलेक्टर को पुलिस और जिले के अधीनस्थ न्यायालयों का निरीक्षण करने का काम सौंपा जाता है । इसके साथ ही वह सभी लोगों को न्याय दिलाने का भी काम करता है |

कलेक्टर का  प्रमुख  दायित्व  

  • कलेक्टर भूमि का मूल्यांकन करता है |
  • भूमि अधिग्रहण करने का काम करता है
  • भूमि राजस्व का संग्रहण, भूमि रिकार्डों का रख-रखाव, भूमि सुधार व जोतों का एकीकरण कराता है |
  • बकाया आयकर, उत्पाद शुल्क, सिंचाई बकाया को वसूलने का काम करता है |
  • बाढ़, सूखा और महामारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाने का काम करता है | |
  • बाह्य आक्रमण और दंगों के समय सुरक्षा प्रदान करता है |
  • कृषि ऋण का वितरण करता है |
  • जिला बैंकर समन्वय समिति का अध्यक्षता करने का काम करता है |
  • जिला योजना केंद्र की अध्यक्षता करता है |

जिला मजिस्ट्रेट के कर्तव्य  

  • कलेक्टर कानून व्यवस्था की स्थापना करने का काम करता है |
  • वह अधीनस्थ कार्यकारी मजिस्ट्रेटों का भी निरीक्षण करने की जिम्मेदारी निभाता है |
  • अपराध प्रक्रिया संहिता के निवारक खंड से सम्बंधित मुकदमों की सुनवाई करने में भूमिका निभाता है |
  • कलेकटर सरकार को वार्षिक अपराध प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है |
  • पुलिस और जेलों का निरीक्षण करता है |
  • सभी मसलों से मंडल आयुक्त को अवगत कराने का काम करता है |
  • मृत्यु दंड के कार्यान्वयन को प्रमाणित करने का काम करता है |
  • एक कलेकटर ही ऐसा होता है जो मंडल आयुक्त की अनुपस्थिति में जिला विकास प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष के रूप में कार्य करने में अहम भूमिका निभाता है |
















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