Flight Engineer
Flight Engineer के कार्य -
फ्लाइट इंजीनियर का कार्य एयरक्राफ्ट को कंट्रोल करने के साथ- साथ एयरक्राफ्ट सिस्टम्स तथा उपकरणों की मॉनिटरिंग करने का काम करते हैं। एयरक्राफ्ट इंजन और एयरक्राफ्ट विंग्स आदि की देखभाल की इनकी जिम्मेदारी होती है। ये पायलट्स के साथ ताल- मेल बिठाकर काम करते हैं।
विमान या एयरक्राफ्ट के उड़ान भरने, क्रूज़ या क्लाइंब के दौरान इंजन की पावर को एडजस्ट करते हैं। विमान की उड़ने से पहले, उड़ान के समय और बाद में विमान की तमाम कार्य-प्रणालियों की जांच करने का जिम्मा Flight Engineer का ही होता है।
विमान के उड़ान भरते समय, क्लाइंब या क्रूज करने के दौरान इंजन की पावर को एडजस्ट करने से लेकर ईंधन पर निगरानी रखनी की जिम्मेदारी इनकी होती है। उड़ान से पहले, उड़ान के दौरान और बाद में विमान की तमाम प्रणालियों की जांच की जिम्मेदारी फ्लाइट इंजीनियर की होती है।
Flight Engineer बनने के लिए योग्यता -
• पीसीएम सब्जेक्ट से 12वीं पास होना चाहिए।
• एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल या मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री या डिप्लोमा करना होगा।
Course for Career in Flight Engineering -
• बीटेक इन एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग
• बीई इन एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग
• बीटेक इन एरोस्पेस इंजीनियरिंग
• बीई इन एरोस्पेस स्पेस इंजीनियरिंग
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