राज्यपाल - Governor

 

राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है?


भारतीय संविधान के भाग-6 में अनुच्छेद 153 से 167 तक राज्य कार्यपालिका के विषय में जानकारी दी गयी है| राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है| राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। राज्यपाल की नियुक्ति राज्यों में होती है, तथा केंद्र प्रशासित प्रदेशों में उपराज्यपाल की नियुक्ति होती है| राज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है| इस प्रकार राज्यपाल दो भूमिकाओं का उत्तरदायित्व संभालते है| मूल संविधान में एक राज्य के लिए एक राज्यपाल को निर्धारित किया गया था, परन्तु 7वें संविधान संशोधन में एक ही व्यक्ति को दो या दो से अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है |

  • राज्यपाल बननें हेतु भारत का नागरिक होना अनिवार्य है|
  • वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो|
  • वह राज्य सरकार या केन्द्र सरकार या इन राज्यों के नियंत्रण के अधीन किसी सार्वजनिक उपक्रम में लाभ के पद पर न हो|
  • वह राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो।


राज्यपाल की नियुक्ति (appointment of governer)

किसी राज्य का राज्यपाल सीधे  जनता के माध्यम से नहीं चुना जाता है और ना ही  राज्यपाल का चुनाव राष्ट्रपति की तरह अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है बल्कि, राज्यपाल को  राष्ट्रपति के द्वारा  नियुक्त किया जाता है | केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति के द्वारा राज्यपाल की नियुक्ति की जाती है| उच्चतम न्यायालय नें वर्ष 1979 में एक व्यवस्था की थी, जिसके अंतर्गत राज्यपाल को केंद्र सरकार के आधीन नहीं माना गया था, इसे एक स्वतंत्र संवैधानिक पद के रूप में मान्यता प्रदान की गयी थी |

इसके अतिरिक्त दो अन्य परम्पराओं का अनुपालन राज्यपाल के चयन में किया जाता है |

  • दूसरे राज्य के व्यक्ति को राज्यपाल के रूप में नियुक्ति किया जाता है, जिससे वह स्थानीय राजनीति से मुक्त रहे
  • राज्यपाल की नियुक्ति के लिए आवश्यक है, कि राष्ट्रपति राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श ले, जिससे राज्य में संवैधानिक व्यवस्था बनी रहे

राज्यपाल के कार्य और शक्तियां (Work & Rights Of Governer)

  • राज्यपाल की शक्तियां कार्यकारी, विधान, न्यायिक और आपातकाल के आधार पर विभाजित किया गया है| राज्यपाल मुख्यमंत्री सहित कई उच्च पद पर नियुक्ति करता है| राज्यपाल की स्थिति ठीक उसी तरह होती है, जिस तरह देश में राष्ट्रपति की होती है|
  • राज्यपाल किसी दोषी की सजा में परिवर्तन या पूर्ण रूप से रोक लगा सकता है, राज्यपाल कुछ परिस्थितियों में अपने विवेक के अनुसार बिना मंत्रियों की सलाह पर कार्य करता है |
  • राज्यपाल को विधानसभा में वह सभी अधिकार प्राप्त रहते है, जो कि राष्ट्रपति को संसद के लिए प्रदान किये जाते है, जैसे संदेश भेजने, संबोधन देने इत्यादि |
  • जब राज्य में किसी दल को बहुमत प्राप्त नहीं होता है| राज्यपाल अपनें विशेषाधिकार का प्रयोग कर मुख्यमंत्री का चुनाव करता है, आपातकाल के समय राज्यपाल राष्ट्रपति के निर्देश पर राज्य का प्रशासन संचालित करता है |
  • किसी भी प्रस्ताव को विधानसभा में पास होने के बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है, राज्यपाल के हस्ताक्षर के बिना कोई भी विधेयक राज्य का कानून नहीं बन सकता |
  • राज्य का वार्षिक वित्तीय विवरण (राज्य बजट) राज्यपाल की सहमति के बाद ही विधानमंडल में पेश किया जाता है, विधानसभा में किसी भी धन विधेयक को राज्यपाल की पूर्व अनुमति के बिना पेश नहीं किया जा सकता, तथा राज्यपाल की सहमति के बिना किसी अनुदान की मांग नहीं की जा सकती, प्रत्येक पांच वर्ष में पंचायतों एवं नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा के लिए राज्यपाल द्वारा वित्त आयोग का गठन किया जाता है |
  • वह मुख्यमंत्री की सलाह पर मंत्रिपरिषद के सदस्यों को बर्खास्त कर सकता है। राज्यपाल, मंत्रिपरिषद के सदस्यों के बीच विभागों का वितरण करता है।
  • राज्यपाल राज्य सरकार की कुछ महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ करता है, जैसे कि, महाधिवक्ता, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य और अन्य।
  • राज्यपाल राज्य सरकार की गतिविधियों के संबंध में मुख्यमंत्री से जानकारी मांग सकता है। वह राज्य की स्थिति के बारे में राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजता है। राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रपति अनुच्छेद 356 के तहत एक राज्य में आपातकाल लगाता है।
  • एक राज्य के राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा पड़ोसी राज्यों के राज्यपाल का अतिरिक्त कर्तव्य दिया जा सकता है।



Post a Comment

0 Comments