Judge - न्यायाधीश

जज (Judge) कैसे बने?

भारत में न्यायपालिका को स्वतंत्र रखा गया है | संविधान के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को संविधान का संरक्षक नियुक्त किया गया है, यह सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों की समीक्षा कर सकता है और संविधान के विरुद्ध पाए जाने पर उन निर्णयों को निरस्त कर सकता है | इससे यह जानकारी तो अवश्य ही प्राप्त होती है, न्यायपालिका को बहुत ही शक्तिशाली बनाया गया है | इन अधिकारों के कारण ही न्यायाधीश को बहुत ही सम्मान दिया जाता है |

भारतीय न्याय व्यवस्था को सम्पूर्ण भारत में एकीकृत रखा गया है, संविधान के अनुच्छेद 50 के अंतर्गत इसे कार्यपालिका से पृथक किया गया है, जिससे समुचित न्याय किया जा सके | 

एकीकृत न्याय व्यवस्था के स्तर इस प्रकार है - 

  • सर्वोच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट (पूरे भारत में एक)
  • राज्य न्यायपालिका या उच्च न्यायालय या हाईकोर्ट (पूरे भारत में चौबीस)
  • जिला एवं सत्र न्यायालय (प्रत्येक जिले में एक)
जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रकार (TYPES OF DISTRICT AND SESSIONS COURT)

यह तीन प्रकार के होते है-

  • दीवानी न्यायालय (जमीन और जायदाद सम्बन्धी मुकदमे)
  • फौजदारी न्यायालय (हत्या और झगड़े से सम्बंधित मुक़दमे)
  • राजस्व न्यायालय (टैक्स से सम्बंधित मुक़दमे)
दीवानी न्यायालय के पद (CIVIL COURT POST)
  • जिला न्यायाधीश
  • अतिरिक्त जिला न्यायाधीश
  • व्यवहार न्यायाधीश प्रथम श्रेणी
  • व्यवहार न्यायाधीश द्वितीय श्रेणी

फौजदारी न्यायालय के पद (CRIMINAL COURT POST)

  • जिला एवं सत्र न्यायाधीश
  • अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश
  • मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी
  • अन्य न्यायिक दण्डाधिकारी

राजस्व न्यायालय (REVENUE COURT POST)

  • राजस्व बोर्ड
  • आयुक्त
  • कलेक्टर
  • तहसीलदार
योग्यता (QUALIFICATION)
जज बनने के लिये आपके पास लॉ में स्नातक की डिग्री होनी आवश्यक है | इसके साथ ही आपके पास वकालत करने का सात वर्ष का अनुभव होना चाहिए |

Law Course को 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। 12वीं के बाद BA LLB 5 बर्षीय कोर्स कर सकते हैं और अगर आप ग्रेजुएशन पास कर चुके हैं तो इसके बाद आप LLB 3 बर्षीय डिग्री कर सकते हैं। इसके बाद आप Judge बनने के लिए आयोजित किये जाने वाले एग्जाम क्वालीफाई कर जज बन सकते हैं। विभिन्न राज्यों में इसके लिए भिन्न- भिन्न एग्जाम आयोजित किये जाते हैं। इसके अलावा विभिन्न राज्यों में जज की नियुक्ति की प्रक्रिया अलग- अलग होती है।

किसी भी College में एलएलबी कोर्स में एडमिशन लेने से पहले ये जांच- पड़ताल जरूर कर लें कि आप जिस भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने जा रहे हैं वो कॉलेज बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अप्रूव्ड होना चाहिए। फिलहाल 

किसी भी फेमस और रेपुटेड कॉलेज में एडमिशन के लिए आप क्लेट एग्जाम दे सकते हैं। यह नेशनल लेवल का एग्जाम होता है। जिसके माध्यम से आप Top Law College में एडमिशन पाते हैं। इसके अलावा और भी अन्य स्टेट लेवल के law entrance exam आयोजित किये जाते हैं। आप इनके माध्यम से स्टेट लेवल की लॉ कॉलेज या Universty में दाखिला ले सकते हैं।


जज (न्यायाधीश) हाइ कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या डिस्ट्रिक्ट कोर्ट  की नियुक्ति कोर्ट के आधार पर ही होती है और सभी के चयन का प्रोसेस भी अलग- अलग होता है।

सिविल जज या मजिस्ट्रेट बनने के लिए कैंडिडेट को एलएलबी पास होने जे बाद एक Vakil (अधिवक्ता) के तौर पर पंजीकृत होना चाहिए। जिसके बाद आप वकालत कर सकते हैं। वकालत का सात बर्ष का अनुभव होने के बाद जज की परीक्षा दे सकते हैं। इसके लिए भारत के सभी राज्यों में लोक सेवा आयोग द्वारा न्यायिक सेवा परीक्षा, जिला या अधीनस्थ न्यायालय परीक्षा आयोजित की जाती है। राज्यों के अनुसार यह एग्जाम अलग- अलग हो सकता है। इसमे सबसे पहले प्री एग्जाम होता है। जिसको सिर्फ क्वालीफाई करना होता है। इसके मार्क फाइनल मेरिट में जुड़ते हैं। प्री एग्जाम क्वालीफाई करने वालों को मुख्य परीक्षा देनी होती है। इसके बाद अंत मे इंटरव्यू होता है। इस तरह से आप Civil Judge बन सकते हैं।

High court judge बनने के लिए उम्मीदवार के पास लॉ की बैचलर डिग्री होनी चाहिए। वह भारत का नागरिक होना चाहिए। इसके साथ ही 10 बर्ष तक वह न्यायिक पर कार्य करने का अनुभव हो। अथवा किसी भी हाई कोर्ट में 10 बर्ष वकालत करने का अनुभव होना चाहिए। high court का जज बनने के लिए न्यूनतम आयु निर्धारित नही की गई है, लेकिन उसने 62 बर्ष की आयु पूरी नही की हो।

आपको बता दें कि हाई कोर्ट कर मुख्य न्यायाधीश के अलावा अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश के द्वारा संबंधित हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा उस राज्य के राज्यपाल के परामर्श के अनुसार होता है। इसके संबंध में हाई कोर्ट का मुख्य जज या न्यायाधीश उस राज्य के राज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजता है। जिसके बाद राज्यपाल इसके संबंध में प्रधानमंत्री से परामर्श करके उस राज्य के हाई कोर्ट में जज की नियुक्ति करता है। हाई कोर्ट का जज 62 बर्ष की उम्र तक इस पद पर रह सकता है

भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा संविधान के नियमों के अंतर्गत होती है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश का पद भारत मे सर्वोच्च न्यायिक पद होता है। सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट के परामर्श से होती है।

सुप्रीम कोर्ट का जज (न्यायधीश) बनने के लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए। इसके साथ ही वह कम से कम 5 साल तक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर कार्य कर चुका हो। इसके अलावा किसी भी उच्च न्यायालय में 10 साल तक अधिवक्ता रह चुका हो और वह 65 साल की आयु पूरी होने तक इस पद पर रह सकता है।

परीक्षा (EXAM)

भारत के प्रत्येक राज्य में राज्य लोक सेवा आयोग (STATE PUBLIC SERVICE COMMISSION) के द्वारा न्यायिक सेवा परीक्षा (JUDICIAL SERVICE EXAM), जिला या अधीनस्थ न्यायालय (SUBORDINATE COURT ) की परीक्षा का आयोजन किया जाता है | यह परीक्षा राज्य के अनुसार अलग- अलग हो सकती है |

न्यायिक सेवा परीक्षा के चरण (EXAM STEPS)

न्यायिक सेवा परीक्षा तीन चरणों में संपन्न की जाती है-

  • प्रारंभिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ)
  • मुख्य परीक्षा (लिखित)
  • साक्षात्कार









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