विधायक - MLA (कैसे बने)

 

विधायक कैसे बनते है


विधायक अर्थात एमएलए (MLA) का फुल फॉर्म – “Member Of Legislative Assembly” होता है 

राज्य की शासन व्यवस्था को व्यस्थित ढंग से संचालित करनें के लिए राज्यों में सरकार का गठन किया जाता है ,और सरकार का गठन विधानसभा और विधान परिषद के चयनित सदस्यों से मिलकर होता है| विधानसभा और विधान परिषद के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों को ही विधायक कहा जाता है | विधान परिषद का गठन भारत के सात राज्यों में हो चुका है | राज्य के विकास की रणनीति का निर्धारण विधानसभा और विधान परिषद सदस्यों द्वारा ही किया जाता है| विधान परिषद को उच्च सदन और विधानसभा को निम्न सदन कहा जाता है | यदि आप भी विधायक बनना चाहते हैं, तो इसके बारे में आपको इस पेज पर विस्तार से बताया जा रहा है|


विधायक कैसे बनते हैं (How To Become An MLA)

विधायक  का चुनाव किया जाता हैं | क्षेत्रों की संख्या मतदाताओं की संख्या पर आधारित रहती हैं, मतदाताओं के मतदान करने के उपरान्त ही विधायक का चुनाव किया जाता है | इसके साथ ही सभी विधायक अपनें-अपनें क्षेत्र की सभी समस्याओं का समाधान कराने के लिए विधानसभा में  उन सभी समस्याओं  को पेश करते हैं, तथा राज्य सरकार  के द्वारा जारी की गई सभी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का काम करते है |  इसके अलावा जनता की सभी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करते है |


विधायक बनने के लिए योग्यता (Eligibility)

  • विधायक बनने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होना आवश्यक है |
  • विधायक बनने वाले व्यक्ति की आयु 25 वर्ष होनी चाहिए |
  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के मुताबिक, उम्मीदवार का नाम उस राज्य में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में होना वश्यक है, जहाँ के लिए वह विधायक बनेगा |
  • विधायक बनने वाला व्यक्ति की नौकरी सरकारी नही होनी चाहिए |
  • इस पद को हासिल करने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना चाहिए |
  • लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत यदि कोई भी विधायक दोषी पाया जाता है या अदालत द्वारा दोषी ठहराया जाता है, तो उसे उस पद से हटाया भी जा सकता है।

विधायक बनने हेतु चुनाव प्रक्रिया (Election Process)

  • वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल की अवधि पूरी हो जानें के बाद व पांच वर्ष की अवधि में इसके चुनाव होते है|
  • सभी राज्यों की जनसंख्या के आधार पर अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।
  • एक निर्वाचन क्षेत्र से कई उम्मीदवार चुनाव के लिए खड़े हो सकते हैं, पर इसके लिए उनका आवश्यक योग्यता का पूरा करना आवश्यक है|
  • उम्मीदवार किसी विशिष्ट पार्टी से इस पद के लिए लड़ सकता है, अथवा वह स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ सकते हैं।
  • विधायक पूर्ण रूप से मतदाताओं द्वारा चुने जाते है, जो मतदाता सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के अनुसार मतदान देते हैं।
  • राज्य के राज्यपाल के पास एंग्लो-भारतीय समुदाय के सदस्य को नामांकित करने की कार्यकारी शक्ति होती है, यदि विधानसभा में उस व्यक्ति के पर्याप्त प्रतिनिधित्व की कमी हो।

विधानसभा चुनाव में नामांकन कैसे होता है


विधानसभा चुनाव में नामांकन करने के लिए सबसे पहले लोकसभा की कुल 543 सीटों में से विभिन्न राज्यों से अलग-अलग संख्या में  प्रतिनिधों का चुनाव किया जाता हैं। इसी तरह अलग-अलग राज्यों की विधानसभाओं के लिए अलग-अलग संख्या में विधायकों का चुनाव होता है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय चुनावों का प्रबंध होता है | इसके अलावा लोकसभा और विधानसभा चुनाव भारत निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में होते हैं, जिनमें वयस्क मताधिकार प्राप्त मतदाता प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से सांसद एवं विधायक का चुनाव करते हैं। लोकसभा  हो या विधानसभा दोनों का ही कार्यकाल पांच वर्ष का ही होता है।

इसके बाद जब इनका चुनाव कराया जाता है, तो सबसे पहले निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी करता है। अधिसूचना जारी  हो जाने के पश्चात् संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के तीन भाग  नामांकन, निर्वाचन तथा मतगणना तीन भाग किये जाते है | वहीं, नामांकन पत्रों को दाखिल करने के लिए सात दिनों का समय  मुहैया कराया जाता है। उसके बाद एक दिन  उन पत्रों की अच्छे से जांच की जाती है |  जांच होने के दौरान यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है तो  नामांकन पत्र रद्द भी  किये जा सकते हैं। इसके बाद  नाम वापसी के लिए दो दिन का समय दिया जाता है  |

नामंकन पत्र भरे जाने वाले फॉर्म

प्रपत्र- 2Aलोकसभा में चुनाव लड़ने के लिए नामांकन फार्म
फॉर्म- 2 बीराज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन फॉर्म
फॉर्म -2 सीविधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए
फॉर्म -2 डीविधान परिषद में चुनाव लड़ने के लिए

चुनाव एजेंट और काउंसिल एजेंट के नामांकन और उम्मीदवारी को वापस लेने के लिए प्रपत्र

प्रपत्र -5उम्मीदवारी की वापसी की सूचना
प्रपत्र- 8चुनाव एजेंट की नियुक्ति
फॉर्म -18काउंसिल एजेंट की नियुक्ति

आवश्यक दस्तावेज 

यदि उम्मीदवार  एक विशेष राजनीतिक पार्टी द्वारा रखा जाता है, तो उसे दो अतिरिक्त फॉर्म भरने होते है जो पार्टी से उसकी सिफारिश की पुष्टि करने का काम करता है। फॉर्म पर पार्टी के अध्यक्ष या सचिव के हस्ताक्षर होने आवश्यक है और इसके साथ ही पार्टी की मुहर भी लगानी आवश्यक है |

फॉर्म भरने की प्रक्रिया               

चुनाव का नामंकन पत्र भरने के लिए सबसे पहले फार्म भरने की प्रक्रिया पूरी की जाती है | फॉर्म भरने के लिए उस पार्टी के अधिकृत व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित  किया जाता है , जो किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा चुने गए उम्मीदवार के नाम को दर्शाने का काम करता है।  फॉर्म भरने और नामांकन  की प्रक्रिया संपन्न हो जाने के बाद उम्मीदवार का नाम भी घोषित कर दिया जाता है |



विधायक के अधिकार (Rights Of MLA)

  • विधायक के मुख्य रूप से कार्य कानूनों की योजना बनाना, अध्ययन करना, चर्चा करना और फिर नए कानूनों के अधिनियम का समर्थन करना ये सारे कार्य विधायक के मुख्य कार्य होते है |
  • विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में हस्तक्षेप तथा समस्याओं का समाधान करना है |
  • विधायक कैबिनेट मंत्री, मंत्री या विपक्षी आलोचक को निश्चित करने का काम करता है |
  • विधायक को सदन में प्रश्न पूछना और उत्तर देना पड़ता है |
  • विधायक को अपने क्षेत्र में एक कार्यालय खोलने का पूर्ण अधिकार रहता है |
  • विधायक निधि द्वारा अपने क्षेत्र का विकास करता है |











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