एनआरआई (NRI)
India’s Foreign Exchange Management Act 1999 (FEMA) के अनुसार एनआरआई की निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है:-
- एनआरआई एक भारतीय है जो एक साल में भारत में 182 दिन से कम समय रहता है |
- एक ऐसा भारतीय जो भारत से बाहर चला गया है या भारत के बाहर नौकरी के उद्देश्य से रहता है |
- भारतीय जो भारत से बाहर कारोबार या बिज़नेस के उद्देश्य से रहते है |
- ऐसे भारतीय जो भारत के बाहर बिना किसी कारण के अनिश्चित काल के लिए बाहर रहते है |
एनआरआई एक स्टेटस है जो एक भारतीय नागिकता धारक को दिया जाता है जिसे इनकम टैक्स प्रक्रिया में कोई असुविधा न हो और उन्हें दोहरे कर जैसे नियमो से कारण मुसीबत न झेलनी पड़े | यह नागरिकता के स्टेटस को नहीं बताता अपितु व्यक्ति के इनकम टैक्स के स्टेटस को बताता है जिसे फेमा के अंतर्गत बताया गया है |
एनआरआई और पीआईओ में अंतर (Difference between nri and pio)
PIO का फुल फॉर्म Person of Indian Origin होता है | ऐसे व्यक्ति जो भारतीय नागरिक नहीं है परन्तु उनका जन्म भारत की सीमा में हुआ है (बांग्लादेश और पाकिस्तान को छोडकर) पीआईओ के नाम से जाने जाते है या आप इन्हें भारतीय मूल के व्यक्ति भी बोल सकते है | इतिहास में इनके माता माता को संविधान के द्वारा प्रदत अधिकार के आधार भारतीय नागरिकता मिली होगी अर्थात वे कभी भारतीय नागरिक रहे होंगे | मुख्य अंतर के रूप में जहा एनआरआई अभी भी भारतीय नागरिक है वही एक Person of Indian Origin के पास भारतीय नागरिक न होकर उसी देश के नागरिक है |
NRI ka Full Form
एनआरआई का फुल फॉर्म Non-Resident Indian है, हिंदी में इसे अप्रवासी भारतीय के नाम से जाना जाता है | ध्यान रहे ये सभी एनआरआई भारतीय नागरिक ही है और विभिन्न उद्देश्य से विदेश में है जिसकी परिभाषा आप पहले ही पढ़ चुके है |
एनआरआई टैक्सेशन (NRI Taxation)
एनआरआई को फेमा (FEMA) के प्रावधानों के अंतर्गत टैक्स में छूट प्रदान की जाती है | प्रत्येक एनआरआई को भारत में प्राप्त आय पर टैक्स चुकाना होता है | इसके अतिरिक्त उसे जो विदेश से वेतन प्राप्त होता है, उसका टैक्स केवल विदेश में ही जमा होता है | उस व्यक्ति द्वारा भेजा गया धन भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में जोड़ा जाता है |
एनआरआई स्टेटस (NRI Status)
एनआरआई स्टेटस इनकम टैक्स विभाग के द्वारा प्रदान किया जाता है | इसका निर्धारण भारत में रहने के समय के अनुसार निर्धारित किया जाता है | इससे व्यक्ति के विदेश में रहने के उद्देश्य के बारे में जानकारी प्राप्त होती है ।
यदि भारत का नागरिक विदेश में निवास कर रहा है, तो उसके लिए भी आधार कार्ड आवश्यक है | आधार कार्ड को नागरिकता के साथ नहीं जोड़ा जाता है | परन्तु यह उसके लिए भारतीय नागरिक होने का एक सबूत हो सकता है |
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