भारत का प्रधानमंत्री - Prime Minister of India

 प्रधानमंत्री का चुनाव कैसे होता है

भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और इसका सीधा सीधा मतलब है कि यहाँ का शासन भारत देश की जनता द्वारा चुना जाता है | जनता द्वारा देश हित में वोट किया जाता है और ऐसा देश के एक ऐसे व्यक्ति के चुनाव के लिए होता है जो भारत देश को वैश्विक स्तर पर प्रतिनिधित्व कर सके | ऐसे व्यक्ति को संविधान के द्वारा भारत देश का प्रधानमन्त्री घोषित किया गया है |


भारत में सत्ता का निर्धारण संसद प्रणाली के रूप में होता है जिसे केंद्रीय स्तर पर सत्ता का विभाजन भी कहा जाता है क्योंकि चुना हुआ प्रतिनिधि इसी संसद में सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करता है और अपने क्षेत्र के मुद्दों को अभिव्यक्ति के आधार पर संसद में उठाता है |


भारत की लोकतान्त्रिक सरंचना संसदीय प्रणाली पर आधारित है | भारत विभिन्न संसदीय निर्वाचन क्षेत्रो से चुनाव लड़ने के बाद जीतने वाले सांसद बन जाते है अर्थात देश की संसद के सदस्य बन जाते है | जब एक दल देश में लोकसभा चुनाव के जरिये संसद में बहुतमत हासिल कर लेता है तो राष्ट्रपति स्वयं उस दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते है | इसी के आधार पर बहुमत वाले दल के नेता को प्रधानमन्त्री नियुक्त किया जाता है |

प्रधानमन्त्री के लिए योग्यता (Eligibility for PM)

देश के प्रधानमन्त्री का निर्धारण करने से पहले उस व्यक्ति को निम्न चरणों को पूरा करना होगा:-

  • भारत का नागरिक हो |
  • वोटर कार्ड लिस्ट में व्यक्ति का नाम हो |
  • कम से कम 25 वर्ष की आयु रखता हो |
  • दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सदस्य हो |
  • यदि सदस्य नहीं है तो नियुक्ति के बाद 6 महीने के अंदर किसी एक सदन की सदस्यता अनिवार्य रूप से प्राप्त करे |

Minister Work and Power)

  • प्रधानमन्त्री अपने विवेकानुसार मंत्रिमंडल का गठन करता है और इसके लिए वह अपने अनुसार सूची बनाकर देश के राष्ट्रपति के समक्ष उसे प्रस्तुत करता है |
  • किस सदस्य को कौन सा मंत्रालय आवंटित करना है, और आवंटन में बदलाव पर प्रधानमन्त्री ही इस पर निर्णय लेता है |
  • मंत्रिमंडल या परिषद का अध्यक्ष प्रधानमन्त्री ही होता है और सभी फैसलों पर प्रधानमन्त्री का प्रभाव हो सकता है |
  • प्रधानमन्त्री की सलाह पर ही राष्ट्रपति मंत्रिमंडल के मंत्री को नियुक्त करता है, साथ ही बर्खास्त भी कर सकता है |
  • प्रधानमन्त्री अपने मंत्रिमंडल को अनुशासित और निर्देशित करता है |
  • प्रधानमन्त्री अपने इस्तीफे या त्यागपत्र के साथ राष्ट्रपति को लोकसभा भंग करने की सलाह दे सकता है |
  • क्योंकि प्रधानमन्त्री निर्वाचित हो कर ही संसद पहुचे है तो प्रधानमन्त्री सहित पूरा मंत्रिमंडल जनता के प्रति जवाबदेह है |
  • प्रधानमंत्री की अकाल मृत्य या इस्ताफे से सरकार गिर जाती है जबकि अन्य सदस्य के लिए उपचुनाव किया जाता है |

इस प्रकार प्रधानमन्त्री के कार्य और अधिकार के अनुसार देश की नीति को प्रभावित करता है | हालाकि प्रधानमन्त्री द्वारा लिए गए हर एक फैसले या नीति को संसद में बिल के रूप में पेश किया जाता है और उस पर चर्चा व बहस करा कर ही उसे राष्ट्रपति के पास अंतिम रूप में भेज दिया जाता है | देश के लोकतान्त्रिक प्रणाली का इससे अच्छा उदाहरण और क्या हो सकता है |

प्रधानमन्त्री की नियुक्ति (Appointment of PM)

जैसा कि हम पहले ही जानते है कि बहुमत वाले दल के नेता को ही प्रधानमन्त्री के रूप में घोषित किया जाता है परन्तु प्रधानमन्त्री की नियुक्ति भी देश के राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है | मंत्रिमंडल के गठन से पहले देश के प्रधानमन्त्री की नियुक्ति की जाती है, तथा इसके बाद ही प्रधानमन्त्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा मंत्रिमंडल के सदस्यों की नियुक्ति की जाती है |







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