Textile Designer बनने के लिए योग्यता -
· 12वीं या ग्रेजुएशन पास होना चाहिए।
· डिप्लोमा इन
Textile Designing या बैचलर इन टेक्सटाइल डिजाइनिंग
Textile Designing
Course
· मास्टर इन टेक्सटाइल डिजाइनिंग
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बैचलर इन टेक्सटाइल डिजाइनिंग
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डिप्लोमा इन फैशन एंड टेक्सटाइल डिजाइनिंग
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बीएससी इन टेक्सटाइल डिजाइनिंग
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बीएससी फैशन एंड अपैरल डिजाइनिंग
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बैचलर ऑफ़ डिज़ाइन (B.Des)
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मास्टर ऑफ डिज़ाइन (M.Des)
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डिप्लोमा इन टेक्सटाइल डिजाइनिंग
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सर्टिफिकेट इन टेक्सटाइल डिजाइनिंग
Textile Designer के कार्य -
एक तो टेक्सटाइल डिज़ाइनर को स्केच तथा सैंपल डिज़ाइन करने के साथ ही फैब्रिक एंड टैक्सचर से जुड़े प्रयोग करने होते हैं। वंही दूसरा कार्य अपने डिज़ाइन और प्रोजेक्ट के द्वारा अपने क्लाइंट्स आकर्षित करना होता है। इसके लिए उनको वर्क प्लानिंग और प्रेजेंटेशन पर भी फोकस करना होता है।
टेक्सटाइल डिज़ाइनर अपने आइडियाज और कॉन्सेप्ट को अपने कस्टमर को समझता है। इसके साथ ही उसको डिजाइन से रिलेटेड डेवलपमेंट और रिसर्च में भी तालमेल बिठाना पड़ता है।
Career Option in
Textile Designing -
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टेक्सटाइल लैब मैनेजर- ये टेक्सटाइल लैब में काम करते हैं। कपड़े पर कौन सा रंग जाचेगा तथा कौन सा फाइबर प्रयोग करना है। इन कार्यों की जिम्मेदारी लैब मैनेजर की होती है।
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फैब्रिक या टेक्सटाइल डिज़ाइनर- टेक्सटाइल डिज़ाइनर या फैब्रिक डिज़ाइनर को कपड़ के ऊपर डिज़ाइन प्रिंट करने का जिम्मा होता है। इसके साथ ही ये लोग फैब्रिक के ऊपर टेक्सचर या प्रिंट को डिज़ाइन करते हैं।
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फैब्रिक रेसॉर्स मैनेजर- इनका मुख्य काम कॉटन या फैब्रिक की उपलब्धता से होता है। कॉटन कंहा- कंहा से उपलब्ध हो सकता है, उसकी कीमत क्या होगी, ये इसकी भी जानकारी करते हैं। क्लाइंट की मांग के मुताबिक फैब्रिक उपलब्ध कराने की इनकी जिम्मेदारी होती है।
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प्रिंटिंग एंड डाईंग कंसल्टेंट- प्रिंटिंग एंड डाईंग कंसल्टेंट या तय करते हैं कि डाइंग एवं प्रिंटिंग का प्रोसेस क्या होगा या किस तरह के कपड़े पर कौन सा प्रिंट करना है। क्लाइंट की मांग के मुताबिक ये प्रिंट उपलब्ध कराते हैं।
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एंब्रॉयडरी डिजाइनर- एक तरह से इनका काम भी टेक्सटाइल डिज़ाइन का ही होता है। किसी भी फैब्रिक को कैसा लुक देना है, इसकी जिम्मेदारी एंब्रायडरी डिजाइनर की ही होती है।
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