केंद्र शासित प्रदेश - Union Territory

 

केंद्र शासित प्रदेश का मतलब क्या होता है?


भारत एक राज्यों का संघ है, क्षेत्र और भाषा के आधार पर राज्यों का निर्माण किया गया है, प्रत्येक राज्य में विधान सभा का गठन किया जाता है, जिसके द्वारा राज्य का प्रशासन चलाया जाता है | भारत में कुछ विषम क्षेत्र है, जिनके कारण वहां का प्रशासन केंद्र सरकार के द्वारा चलाया जाता है | केंद्र सरकार अपने एक प्रतिनिधि को नियुक्त करती है | यह प्रतिनिधि ही वहां कि व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होता है, भारत में केंद्र शासित प्रदेश में भी दो रूप देखने को मिलते है |

वह क्षेत्र जहाँ का प्रशासन सीधे केंद्र सरकार के द्वारा संचालित किया जाता है | उस प्रदेश को केंद्रशासित प्रदेश कहा जाता है | केंद्र शासित प्रदेशों में भी प्रशासन और सुरक्षा कि दृष्टि से दो भागों में विभाजित किया गया है | प्रथम जहाँ पर विधान सभा का गठन किया जाता है और दूसरा जहाँ पर विधान सभा का गठन नहीं किया गया है | विधान सभा गठन वाले राज्य में प्रमुख विषय केंद्र सरकार के पास ही रहते है और वहां की सरकार को लगभग प्रत्येक निर्णय के लिए उपराज्य पाल से अनुमति प्राप्त करनी होती है | यहाँ पर उपराज्य पाल सरकार को स्वीकृति देने के लिए बाध्य नहीं होता है |


भारत में कितने केंद्र शासित प्रदेश है?

भारत में नौ केंद्र शासित प्रदेश है, यह इस प्रकार है-

1.जम्मू-कश्मीर

2.लद्दाख

3.चण्डीगढ़

4.दमन और दीव

5.दादरा और नगर हवेली

6.लक्षद्वीप

7.पुदुचेरी

अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह

9.दिल्ली (भारत की राजधानी)

विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेश

भारत में तीन केंद्र शासित प्रदेश है जहाँ पर विधान सभा का चुनाव कराया जाता है, इस चुनाव में बहुमत प्राप्त करने वाली सरकार का गठन किया जाता है, जोकि निर्धारित किये गए विषयों पर प्रशासन करती है और अपना निर्णय ले सकती है | यहाँ की राज्य सरकार को उपराज्य पाल के निर्देश पर ही कार्य करने की अनुमति दी जाती है | यह प्रदेश जम्मू कश्मीर, दिल्ली और पुदुचेरी है |

उपराज्य पाल (Lieutenant Governor) क्या है?

केंद्र सरकार जिस व्यक्ति को केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन चलाने के लिए नियुक्त करती है उसे उपराज्य पाल कहा जाता है |

राज्य पाल और उप राज्य पाल में अंतर (Difference)

राज्य पाल की नियुक्ति पूर्ण राज्य के दर्जा प्राप्त राज्य में की जाती है | वह राज्य सरकार के निर्णयों पर स्वीकृति देने के लिए बांध्य रहते है | विषम परिस्थितियों में ही अपना निर्णय ले सकते है, जबकि उपराज्य पाल की नियुक्ति केंद्र शासित प्रदेश में की जाती है | उपराज्य पाल केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार ही कार्य करता है |

विधान सभा गठन वाले केंद्र शासित प्रदेश में उपराज्य पाल राज्य सरकार के निर्णयों पर स्वीकृति प्रदान करने के लिए बांध्य नहीं रहता है | यहाँ पर उपराज्य पाल राज्य सरकार को अपने निर्णय बदलने के लिए बांध्य कर सकता है | केंद्र शासित प्रदेश में राज्य सरकार को छोटी से छोटी बात के लिए उपराज्य पाल से अनुमति लेनी अनिवार्य रहती है |


















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