उपराज्यपाल - Lieutenant Governer,

 

उपराज्यपाल किसे कहते है

वर्तमान समय में भारत की राजधानी दिल्ली में उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) के अधिकारों को बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा संसद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक (2021) को पेश किया गया था, जिसे हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा स्वीकृति दे दी गयी है | राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलनें के पश्चात अब यह कानून बन गया है और इसका सीधा अर्थ दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल (एलजी) है अर्थात यदि दिल्ली सरकार कोई लागू करना चाहती है, तो सबसे पहले उन्हें उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी | उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) किसे कहते है, LG की नियुक्ति, कार्य व अधिकार के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी विस्तार से दे रहे है | 

भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) हैं, इनमें से लद्दाख और जम्मू कश्मीरभारत के नए केंद्र शासित प्रदेश हैं | आपको बता दें कि यह नये केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद बने है | देश के सभी 28 राज्यों में राज्यपाल (Governer) के नेतृत्व में हैं, परन्तु केंद्र शासित प्रदेशों का संचालन उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) और प्रशासक (Administrator) द्वारा किया जाता है |

भारत के सभी केंद्र शासित प्रदेशो का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा एक प्रशासक के माध्यम से संचालित किया जाता है अर्थात केंद्र शासित प्रदेशो में प्रशासक राष्ट्रपति के एक एजेंट के रूप में कार्य करते है | वर्तमान समय में भारत के दिल्ली (Delhi), पुदुचेरी (Puducherry) और अंडमान निकोबार द्वीप(Andaman and Nicobar Islands) इन तीन राज्यों में शासन उपराज्यपाल के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, जबकि चंडीगढ़ (Chandigarh), दमन एवं दीव (Daman and Diu) और लक्षद्वीप (Lakshadweep) में शासन प्रशासक के माध्यम से किया जा रहा है |

उपराज्यपाल की नियुक्ति (Appointment Of Lieutenant Governor)

भारत, राज्यों का संघ, सरकार की संसदीय प्रणाली के साथ एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य है | भारतीय संविधान संघात्मक है तथा राज्यों में शासन के लिए संविधान के भाग 6 में प्रावधान है। राज्यों की शासन प्रणाली संसदीय है, इसके अंतर्गत राज्यों में राज्यपाल की नियुक्ति तथा केंद्र शासित प्रदेशों में उपराज्यपाल की नियुक्ति की जाती है |

आपको बता दें, कि उपराज्यपाल की नियुक्ति केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं। भारत में 8 केंद्र शासित प्रदेशो में से तीन दिल्ली (Delhi), पुडुचेरी(Puducherry) और अंडमान और निकोबार (Andaman and Nicobar) में उप राज्यपाल का पद है, जबकि शेष बचे प्रदेश प्रशासक द्वारा संचालित होते हैं |

उपराज्यपाल के कार्य व अधिकार (Functions & Powers Of Lieutenant Governor)

भारत में केंद्र शासित प्रदेशो में प्रशासनिक कार्यों के लिए संविधान की धारा 239A और 239AA में कुछ प्रावधान दिए गए हैं | एक्ट 239A सभी केंद्रशासित प्रदेशों पर लागू होता है, जबकि संविधान की धारा 239AA सिर्फ नेशनल कैपिटल टेरिटरी (NCT) के लिए है | सभी केंद्रशासित प्रदेशो को शासन व्यवस्था केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Ministry of Home Affairs) के दिशा-निर्देशों के मुताबिक संचालित होती है | भारतीय संविधान के इन दोनों ही प्रावधानों में केंद्रशासित प्रदेशों में उप-राज्यपाल की नियुक्ति का अधिकार दिया गया है | 

लेफ्टिनेंट-गवर्नर एक केंद्र शासित प्रदेश का प्रमुख होता है।हालाँकि, भारत में यह पद केवल केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली और पुदुचेरी में मौजूद है, जबकि अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशासक नियुक्त किए जाते हैं। उपराज्यपाल अर्थात एलजी राज्यपाल की भांति केंद्रशासित प्रदेश के एक प्रमुख के रूप में कार्य करते हैं, परन्तु उपराज्यपाल की शक्तियां राज्यपाल की तुलना में व्यापक हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि किसी राज्य के राज्यपाल को पूरी तरह से मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करना पड़ता है, जबकि उपराज्यपाल को हर मामले पर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होती है। दिल्ली के मामले में, सरकार भूमि, कानून और पुलिस के क्षेत्र में कोई शक्ति नहीं रखती है। एलजी के पास इनमें से किसी भी मामले पर निर्णय लेने का पूर्ण विवेक है। 69 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1991 ने संविधान में अनुच्छेद 239AA जोड़ा गया ।उपराज्यपाल एक मामले के दौरान अपने विवेक से कार्य करेगा जो विधान सभा पर प्रदत्त शक्तियों की सीमा से बाहर है। इसके अनुभाग इस प्रकार है-

ऐसे मामले जिसमें उपराज्यपाल अपने विवेक से निर्णय ले सकते है।

1. उपराज्यपाल मामले में अपने विवेक से कार्य करेगा-

(i) जो विधान सभा में प्रदत्त अधिकारों के दायरे से बाहर हैलेकिन राष्ट्रपति द्वारा उन्हें किस शक्तियां या कार्य सौंपे जाते हैं या सौंपे जाते हैं,या

(ii) जिसमें उसे किसी भी कानून के तहत या उसके विवेक से कार्य करने या किसी न्यायिक या अर्ध-न्यायिक कार्यों का अभ्यास करने की आवश्यकता होती है।

2. यदि कोई सवाल उठता है, कि क्या कोई मामला है या नहीं है, जो कि उपराज्यपाल के सम्मान के अनुसार है या उनके विवेकानुसार कार्य करने के लिए आवश्यक कानून के तहत है, तो उपराज्यपाल का निर्णय अंतिम होगा।

3. यदि कोई प्रश्न उठता है, कि क्या कोई मामला है या नहीं है, जैसा कि किसी भी न्यायिक या अर्ध-न्यायिक कार्यों को करने के लिए किसी कानून द्वारा उपराज्यपाल की आवश्यकता के संबंध में कोई मामला नहीं है, तो उपराज्यपाल का निर्णय अंतिम होगा।

(i).इस धारा के अनुसार, यदि उपराज्यपाल किसी भी कानून के तहत अपने विवेक से कार्य करने के लिए आवश्यक है, तो उस मामले पर उसका निर्णय अंतिम होगा।

(ii).किसी मामले पर उपराज्यपाल और उनके मंत्रियों के बीच मतभेद के मामले में, उपराज्यपाल इसे निर्णय के लिए राष्ट्रपति को संदर्भित कर सकते हैं और राष्ट्रपति द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार कार्य कर सकते हैं।

(iii). राष्ट्रपति शासन के तहत, उपराज्यपाल सरकार का पूर्ण कार्यकारी प्रमुख बन जाता है। उसके पास सलाहकारों के एक समूह को नियुक्त करने की शक्ति है, जो मंत्रिपरिषद के रूप में कार्य करते है।






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