टीडीएस (TDS), टीसीएस (TCS) क्या है
आयकर रिटर्न भरते समय टीडीएस या टीसीएस प्रमाणत्र की आवश्यकता होती है, क्योंकि ये दोनों एक ऐसे दस्तावेज होते है, जो टैक्स वसूल करने के लिए इस्तेमाल किये जाते है | यहाँ पर टीडीएस का अर्थ स्रोत पर कटौती होता है और वहीं टीएसएस का मतलब स्रोत पर कर संग्रह करने की प्रक्रिया होती है | यदि आप इन दोनों ही मामलों के अंतर्गत आते हैं तो इसके लिए आपको रिटर्न फाइल करने की आवश्यकता होती है |
वैसे तो आमतौर पर टीडीएस अलग- अलग तरह के इनकम स्रोतों पर काट लिया जाता है जैसे – सैलरी, किसी निवेश पर मिला ब्याज, प्रोफेशनल फीस, कमीशन, ब्रोकरेज आदि में टैक्स की कटौती कर ली जाती है | जो व्यक्ति पेमेंट करने का काम करता है या संस्था (कंपनी) को इस टीडीएस (टीडीएस) भरने की जिम्मेदारी होती है | इन्हें डिडक्टर कहा जाता है | दूसरी ओर जो व्यक्ति टैक्स काट के भुगतान प्राप्त करता है, उसे डिडक्टी भी कहा जाता है | टीडीएस के रूप में काटी गई आय की रकम को सरकार के खाते में जमा की जाती है, क्योंकि बहुत ही आवश्यक होता है | इसके अलावा हर डिडक्टर को टीडीएस (टीडीएस) सर्टिफिकेट जारी करके यह जानकारी भी देनी होती है कि, उसने कितना टीडीएस काटा और कितना सरकार को जमा किया है |
टीडीएस का फुल फॉर्म | TDS FULL FORM
टीडीएस का फुल फॉर्म “Tax Deducted at Source” होता है | इसका हिंदी में अर्थ “स्रोत पर कर कटौती” यानी भुगतान (Payment) के समय काटा गया टैक्स होता है | वहीं इसका हिंदी में उच्चारण “टैक्स डेडक्टेड एट सोर्स” होता है |
टीसीएस (TCS) क्या है ?
यह भी एक टैक्स ही होता है, जो विक्रेता खरीदार से वसूली करते हैं , लेकिन यह प्रक्रिया तब की जाती है जब खरीदार उनसे किसी चीज की खरीददारी करता है | इसमें ख़ास बात यह है कि, कुछ खास तरह की वस्तुओं के विक्रेता ही टिंबर वुड, स्क्रैप, मिनरल, तेंदु पत्ते इत्यादि कलेक्ट करते है | इस प्रक्रिया को टीसीएस कहा जाता है | इस तरह के टैक्स की कटौती तभी की जाती है जब पेमेंट एक सीमा से अधिक हो जाता है | यह स्रोत पर उन लोगों से लिया जाता है, जो पेमेंट करते हैं |
टीसीएस का फुल फॉर्म | TCS FULL FORM
टीसीएस (TCS) का फुल फॉर्म “Tax Collected at Source” होता है | वहीं इसका हिंदी में उच्चारण “टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स” होता है |
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