इंपोर्ट - एक्सपोर्ट

 

इंपोर्ट एक्सपोर्ट का मतलब क्या है

प्राचीनकाल से ही दुनिया के लगभग देश एक दूसरे के साथ व्यापार करते चले आ रहे है | यदि हम भारत की बात करे तो एक समय में गरम मसालों के लिए भारत को पूरे विश्व में जाना जाता था | इन मसालों को खरीदनें के लिए कई देशों के व्यापारी यहाँ आते थे | इसी तरह से ढाका मलमल विदेशों में खूब ख़रीदा जाता था | देश विदेश की इस खरीद और बिक्री की परंपरा बढ़ते-बढ़ते विश्व व्यापार का रूप ले लिया और वर्तमान समय में दुनिया के लगभग देश अपनी आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को खरीदनें और बेचनें के कार्य किया जा रहा है | इस प्रकार बेचने और खरीदने की प्रक्रिया इंपोर्ट एक्सपोर्ट कहलाती है |

इंपोर्ट (Import) एक अंग्रेजी भाषा का शब्द है, हिंदी में इसे आयात कहते है | दरअसल भारत में किसी अन्य या बाहरी देश से किसी प्रकार की वस्तुओं को खरीदना आयात कहलाता है | दूसरे शब्दों में, किसी वस्तु को दूसरी जगह से मंगवाने की प्रक्रिया को आयात अर्थात इम्पोर्ट कहा जाता है। सीमा शुल्क अधिनियम (THE CUSTOMS ACT) 1962 के अनुसार import का मतलब किसी अन्य देश से वस्तुओं का भारत में लाना या खरीदना आयात कहलाता है |

विश्व के लगभग देश एक दूसरे से या तो कुछ खरीदता है या उस देश को कोई वस्तु बेंचता है। दरअसल कई बार देश में कुछ वस्तुओं की कमी हो जाती है अथवा उसका उत्पादन उचित मात्रा में न होनें के कारण दूसरे देशो से खरीदारी करनी पड़ती है | अतः इस प्रकार की सभी क्रियाएं जिनके माध्यम से हम दूसरे अन्य देश से कच्चा माल (Raw Material), वस्तुएं या अन्य किसी भी तरह का सामान के लिए धन देकर प्राप्त करते हैं, इम्पोर्ट या आयात कहलाता है |

एक्सपोर्ट (Export) को हिंदी भाषा में निर्यात कहते है | निर्यात का मतलब, यदि हम किसी वस्तु को भारत से दुनिया के किसी अन्य देश में विक्रय करते है या बेचते है, तो यह प्रक्रिया निर्यात करना कहलाती है | दूसरे शब्दों में एक देश से किसी दूसरे देश में माल भेजनें की क्रिया निर्यात कहलाती है | यदि देश में किसी वस्तु का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है या देश में किसी वस्तु की अधिकता हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में उस वस्तु का एक्सपोर्ट या निर्यात किया जाता है | जिससे उस देश को आर्थिक लाभ होता है |

आयात निर्यात लाइसेंस फीस (Import Export License Fees)

दरअसल इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट का व्यवसाय करना एक कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत आता है, क्योंकि यह व्यापार दो देशों के बीच होता है | इस प्रकार से इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट का बिजनेस करनें के लिए अपनें व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन करवाना होता है | अपनें बिजनेस या व्यवसाय का पंजीकरण करवानें के लिए कुछ शुल्क भी देना होता है, इसके बाद ही आप इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट का व्यवसाय कर सकते है |     

एक्सपोर्टर या इंपोर्टर के रूप में भारत सरकार से मान्यता प्राप्त करनें के लिए इंपोर्टर एक्सपोर्टर कोड अर्थात आईईसी लेना आवश्यक होता है | आप इंपोर्टर एक्सपोर्टर कोड (IEC) विदेश व्यापार महानिदेशालय, नई दिल्ली से 1,000 रुपये की ऐप्लिकेशन फीस देकर प्राप्त कर सकते है | हालाँकि आप चाहे तो आईईसी का फॉर्म www.dgft.gov.in पर ऑनलाइन माध्यम से भरसकते है।

इसके साथ ही यदि आप आयात निर्यात लाइसेंस फीस की जानकारी प्राप्त करनें के लिए केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के ई वाणिज्य पोर्टल https://icegate.gov.in/ से प्राप्त कर सकते है |

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