तिलोत्तमा

तिलोत्तमा कश्यप और अरिष्टा की कन्या जो पूर्वजन्म में ब्राह्मणी थी और जिसे असमय स्नान करने के अपराध में अप्सरा होने का शाप मिला था। एक दूसरी कथा के अनुसार यह कुब्जा नामक स्त्री थी जिसने अपनी तपस्या से वैकुंठ पद प्राप्त किया। उस समय सुंद और उपसुंद नामक राक्षसों का अत्याचार बहुत बढ़ गया था इसलिये उनके संहार के लिए ब्रह्मा ने विश्व की उत्तम वस्तुओं से तिल-तिल सौंदर्य लेकर इस अपूर्व सुंदरी की रचना की (इसी से तिलोत्तमा नाम पड़ा)। उसे देखते ही दोनों राक्षस उसे पाने के लिये आपस में लड़ने लगे और दोनों एक दूसरे द्वारा मारे गए।

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