सत्या

नग्नजिति या सत्याकृष्ण की छठी अष्टभार्या थीं। वह कोसल नरेश नग्नजित की पुत्री थीं। उनके पिता ने शर्त रखी जब वह विवाह के योग्य हो गयीं। शर्त थी कि सात पागल बैलो को एक साथ रस्सी में नाथना था । भगवान श्री कृष्ण को भी निमन्त्रण था। नग्नजिति या सत्या श्रीकृष्ण को मन ही मन अपना पति मानती थी। तो श्रीकृष्ण सब जानते थे। सभी बड़े राजकुमार राजा, महाराजा सभी में से कोई भी शर्त पूरी नहीं कर सका । सभी घायल होकर वापस लौट जा रहे थे। तब श्रीकृष्ण ने उन सभी बैलों को एक साथ किसी खिलौने की तरह बाँध दिया। तब नग्नजित की शर्त पूरी हो गयी और श्रीकृष्ण ने सत्या की इच्छा पूर्ण कर दी। तब सत्या ने भगवान श्रीकृष्ण को वरमाला पहनाई। और उनकी पत्नी बनीं।

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