निमि

इक्ष्वाकु के दूसरे पुत्र निमि मिथिला के राजा थे। इसी इक्ष्वाकु वंश में बहुत आगे चलकर राजा जनक हुए। राजा निमि के गुरु थे- ऋषि वसिष्ठ। निमि जैन धर्म के 21वें तीर्थंकर बनें।

राजा निमि के शरीर का रिषियों ने मंथन किया । जिसमे सोने की मथानी और रेशम की रस्सी का प्रयोग किया गया । तन का मंथन हुआ।मंथन से चौदह पुत्रों को प्राप्त किया। बारह पुत्रों ने सन्यास ग्रहण किया। तेरहवें पुत्र जनक(शीरध्वज ) को राजा बनाया गया।

पुत्रों के नाम-
१-जनक(शीरध्वज)
२-जीव
३-गव,(कुशध्वज)
४- सुमंत
५-सार
६अतिसार
७-अमृत
८-अभय
९-अंशुमान
१०- अमन
११- आदि
१२- अमित
१३-अगाध
१४-अनन्त

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