- अचलेश्वर महादेव
- सुध महादेव
- स्तंभेश्वर महादेव
- वैष्णो देवी
- भ्रामरी देवी
- शाकंभरी देवी
- तिरुपति बालाजी
- शीतला माता
- ब्रह्मा
- मनु और शतरूपा (प्रियवत और उत्तानपाद)
- उत्तानपाद - सुनीति (ध्रुव (ध्रुव तारा)) और सुरुचि (उत्तम)
- ध्रुव (उत्कल,भ्रमिपुत्र वत्सर)...अंग (वेन)
- वेन (राजा पृथु)
- नाभाग
- यमराज - नचिकेता
- शरभ
- वसु
- नल और दमयंती
- गजेन्द्र मोक्ष की कहानी
- गयासुर
- मार्कण्डेय ऋषि
- आरुणि
- अष्टावक्र
- महर्षि दधीचि
- महाराज मुचुकुन्द
- दक्ष प्रजापति (अदिति, दिति, सती)
- कश्यप ऋषि - अदिति (१२ आदित्य), दिति (हिरण्यकशिपु, हिरण्याक्ष, होलिका, रक्तबीज), दनु (रंभ, करंभ, शुम्भ, निशुम्भ, नमुचि, हयग्रीव, स्वरभानु, वैप्रिचिती, दैत्यराज, कालकेतु, मय), कद्रू (शेषनाग), विनता (अरूण, गरुड़), अरिष्टा (तिलोत्तमा)
[नरसिंह अवतार]
- रंभ (महिषासुर)
- दैत्यराज - सुदीक्षणा (दुर्जय (भैरोनाथ))
- हिरण्यकशिपु - कयाधु (प्रह्लाद, अनुहलाद, सहलाद, हलाद)
- प्रह्लाद (विरोचन)
- विरोचन (बलि)
- निसुंद - (सुंद, उपसुंद)
- ब्रह्माजी (मरीचि)
- मरीचि (कश्यप)
- कश्यप (विवस्वान)
- विवस्वान (वैवस्वतमनु)
- वैवस्वतमनु (1.इल, 2.इक्ष्वाकु, 3.कुशनाम, 4.अरिष्ट, 5.धृष्ट, 6.नरिष्यन्त, 7.करुष, 8.महाबली, 9.शर्याति और 10.पृषध)
- इक्ष्वाकु (1.कुक्षि, 2.निमि और 3.दण्डक)
- कुक्षि (विकुक्षि)
- विकुक्षि (बाण)
- बाण (अनरण्य)
- अनरण्य (पृथु)
- पृथु (त्रिशंकु)
- त्रिशंकु (धुंधुमार)
- धुंधमार (युवनाश्व)
- युवनाश्व (मान्धाता)
- मान्धाता (सुसन्धि
- सुसन्धि (ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित)
- ध्रुवसन्धि (भरत)
- भरत (असित)
- असित - कालिंदी (सगर)
- राजा सगर - सुमति और केशिनी (असमञ्ज))
- असमञ्ज (अंशुमान)
- अंशुमान (दिलीप)
- दिलीप (भागीरथ)
- भागीरथ (ककुत्स्थ)
- ककुत्स्थ (रघु)
- रघु (प्रवृद्ध)
- प्रवृद्ध (शंखण)
- शंखण (सुदर्शन)
- सुदर्शन (अग्निवर्ण)
- अग्निवर्ण (शीघ्रग)
- शीघ्रग (मरु)
- मरु (प्रशुश्रुक)
- प्रशुश्रुक (अम्बरीश)
- अम्बरीश (नहुष)
- नहुष (ययाति)
- ययाति (नाभाग)
- नाभाग (अज)
- अज (दशरथ)
- दशरथ - कौशल्या (शांता, राम), कैकेई (भरत), सुमित्रा (लक्ष्मण, शत्रुघ्न)
- वशिष्ठ
- विश्वामित्र
- ऋष्यशृंग - शांता
- राम - सीता (लव और कुश)
- भरत - माण्डवी
- लक्ष्मण - उर्मिला
- शत्रुघ्न - श्रुतकीर्ति
- कर्दम ऋषि (हविर्भू)
- पुलस्त्य - हविर्भू (महर्षि अगस्त्य और विश्रवा)
- सुमाली - ताड़का (कैकसी)
- तृणबिन्दु - अलमबुशा (इडविडा)
- विश्रवा - कैकसी (रावण, कुम्भकर्ण, विभीषण, सूर्पनखा), इडविडा (कुबेर)
- रावण - मन्दोदरी (मेघनाद, अक्षयकुमार), दम्यमालिनी (अतिकाय, त्रिशरा , नरान्तक ,देवान्तक)
- मेघनाद - सुलोचना
- काकभुशुण्डि
- श्रीकृष्ण - रुक्मिणी (प्रद्युम्न), सत्यभामा, जाम्बवती (सांबा), कालिंदी, मित्रविंदा, सत्या, भद्रा, लक्ष्मणा
- प्रद्युम्न - मायावती, रुक्मावती (अनिरुद्ध), प्रभावती, चित्रलेखा
- बलि (बाणासुर, उषा)
- अनिरुद्ध - उषा (वज्र, मृगकेतन)
- बुध - इला (पुरुरवा)
- पुरुरवा - उर्वशी (आयु, अमावसु, विश्वायु, श्रुतायु, शतायु एवं दृढ़ायु)
- आयु - प्रभा (नहुष, क्षत्रवृत (वृदशर्मा), राजभ (गय), रजि, अनेना)
- नहुष - अशोकसुंदरी या विरजा (ययाति)
- महर्षि भृगु - दिव्या (शुक्राचार्य)
- शुक्राचार्य - गो, जयन्ति (देवयानी)
- ययाति - देवयानी (यदु, तुर्वसु, माधवी), शर्मिष्ठा (द्रुह्यु, अनुद्रुह्यु ,पूरू)
- पुरु - कौशल्या (जन्मेजय)
- जन्मेजय - अनंता (प्रचिंवान)
- प्रचिंवान - अश्म्की (संयाति)
- संयाति - वारंगी (अहंयाति)
- अहंयाति - भानुमती (सार्वभौम)
- सार्वभौम - सुनंदा (जयत्सेन)
- जयत्सेन - सुश्रवा (अवाचीन)
- अवाचीन - मर्यादा (अरिह)
- अरिह - खल्वंगी (महाभौम)
- महाभौम - शुयशा (अनुतनायी)
- अनुतनायी - कामा (अक्रोधन)
- अक्रोधन - कराम्भा (देवातिथि)
- देवातिथि - मर्यादा (अरिह)
- अरिह - सुदेवा (ऋक्ष)
- ऋक्ष - ज्वाला (मतिनार)
- मतिनार - सरस्वती (तंसु)
- तंसु - कालिंदी (इलिन)
- इलिन - राथान्तरी (दुष्यंत)
- दुष्यंत - शकुंतला (भरत)
- भरत - सुनंदा (भमन्यु)
- भमन्यु - विजय (सुहोत्र)
- सुहोत्र - सुवर्णा (हस्ती)
- हस्ती - यशोधरा (विकुंठन)
- विकुंठन - सुदेवा (अजमीढ़)
- अजमीढ़ - सुयति (संवरण)
- संवरण - तप्ती (कुरु)
- कुरु - शुभांगी (विदुरथ)
- विदुरथ - संप्रिया (अनाश्वा)
- अनाश्वा - अमृता (परीक्षित)
- परीक्षित - सुयशा (भीमसेन)
- भीमसेन - कुमारी (प्रतिश्रावा)
- प्रतिश्रावा (प्रतीप)
- प्रतीप - सुनंदा (देवापि, बाह्लीक एवं शांतनु)
- विश्वामित्र - मेनका (शकुंतला)
- पाराशर - सत्यवती (वेदव्यास (शुकदेव))
- शांतनु - गंगा (भीष्म)
- शांतनु - सत्यवती (चित्रांगद और विचित्रवीर्य)
- अम्बा, अम्बिका और अम्बालिका
- विचित्रवीर्य - अम्बिका (धृतराष्ट्र), अम्बालिका (पांडु), अम्बिका की दासी परिश्रवि (विदुर)
- धृतराष्ट्र - गांधारी (1- दुर्योधन 2- दु:शासन, 3- दुस्सह, 4- दुश्शल, 5- जलसंध, 6- सम, 7- सह, 8- विंद, 9- अनुविंद, 10- दुद्र्धर्ष, 11- सुबाहु, 12- दुष्प्रधर्षण, 13- दुर्मुर्षण, 14- दुर्मुख, 15- दुष्कर्ण, 16- कर्ण, 17- विविंशति, 18- विकर्ण, 19- शल, 20- सत्व, 21- सुलोचन, 22- चित्र, 23- उपचित्र, 24- चित्राक्ष, 25- चारुचित्र, 26- शरासन, 27- दुर्मुद, 28- दुर्विगाह, 29- विवित्सु, 30- विकटानन, 31- ऊर्णनाभ, 32- सुनाभ, 33- नंद, 34- उपनंद, 35- चित्रबाण
36- चित्रवर्मा, 37- सुवर्मा, 38- दुर्विमोचन, 39- आयोबाहु, 40- महाबाहु 41- चित्रांग, 42- चित्रकुंडल, 43- भीमवेग, 44- भीमबल, 45- बलाकी, 46- बलवद्र्धन, 47- उग्रायुध, 48- सुषेण, 49- कुण्डधार, 50- महोदर, 51- चित्रायुध, 52- निषंगी, 53- पाशी, 54- वृंदारक, 55- दृढ़वर्मा, 56- दृढ़क्षत्र, 57- सोमकीर्ति, 58- अनूदर, 59- दृढ़संध, 60- जरासंध,61- सत्यसंध, 62- सद:सुवाक, 63- उग्रश्रवा, 64- उग्रसेन, 65- सेनानी, 66- दुष्पराजय, 67- अपराजित, 68- कुण्डशायी, 69- विशालाक्ष, 70- दुराधर 71- दृढ़हस्त, 72- सुहस्त, 73- बातवेग, 74- सुवर्चा, 75- आदित्यकेतु, 76- बह्वाशी, 77- नागदत्त, 78- अग्रयायी, 79- कवची, 80- क्रथन, 81- कुण्डी, 82- उग्र, 83- भीमरथ, 84- वीरबाहु, 85- अलोलुप, 86- अभय, 87- रौद्रकर्मा, 88- दृढऱथाश्रय, 89- अनाधृष्य, 90- कुण्डभेदी, 91- विरावी, 92- प्रमथ, 93- प्रमाथी, 94- दीर्घरोमा, 95- दीर्घबाहु, 96- महाबाहु, 97- व्यूढोरस्क, 98- कनकध्वज, 99- कुण्डाशी, 100-विरजा और पुत्री दुश्शला), गांधारी की दासी सुगंधा (युयुत्सु)
- शकुनि
- दुर्योधन - भानुमति
- कूंती (कर्ण)
- पांडु - कूंती (युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन), माद्री (नकुल, सहदेव)
- कर्ण - रुषाली और सुप्रिया (वृषसेन, वृषकेतु, चित्रसेन, सत्यसेन, सुषेण, शत्रुंजय, द्विपात, बनसेन और प्रसेन)
- द्रुपद (शिखंडी, धृष्टद्युम्न, द्रोपदी)
- पांडव - द्रोपदी (उपपाण्डव)
- युधिष्ठिर - देविका (यौधेय)
- बकासुर
- भीम - हिडिंबा (घटोत्कच), जलन्धरा (सवर्ग)
- अर्जुन - उलूपी (इरावन)
- अर्जुन - चित्रांगदा (बभ्रुवाहन)
- अर्जुन - सुभद्रा (अभिमन्यु)
- नकुल - करेणुमति (निरमित्र)
- सहदेव - विजया (सुहोत्र)
- पुरुषमृगा
- अर्जुन - भानुमति
- घटोत्कच - मौर्वी से (बर्बरीक और अंजनपर्व)
- अभिमन्यु - उत्तरा (परीक्षित)
- परीक्षित - मद्रावती (जन्मजेय)
- जन्मजेय - (शतानीक और शंकुकर्ण)
- शतानीक (अश्वमेधदत्त)
- आस्तिक
- कृपाचार्य और कृपी
- द्रोणाचार्य - कृपी (अश्वत्थामा)
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